Saturday, May 17, 2008

मनमोहक,दर्शनीय-भेड़ाघाट(घुआंधार जलप्रपात)


विवेक विश्वास:
मध्य प्रदेश में जबलपुर शहर के बगल में नर्मदा नदी के गोद में बसा एक जगह जहाँ घुमती सड़कें उचाइयों की तरफ बढ रही थी,पेड़ों से पटी झुरमुठ के पिछे से झांकती झाड़ियाँ,जो उस जगह के लिए किसी नवविवाहिता के द्वारा प्रयुक्त श्रिंगार प्रशाधन से कम न थी.
चारों तरफ फैली बड़ी-बड़ी चट्टानें खुद में अटल एवं आभायुक्त चरित्र को समेटे हुए थी.उन चरित्रों को उभारनें का कार्य वहाँ के शिल्पकार कर रहे थे,जो उनकी जीविका का साधन एवं आगन्तुकों के आकर्षण के केन्द्र भी थे.कलाक्रितियाँ ऐसी जो बरबस ही आगन्तुकों की भीड़ को अपनी ओर खींच रही थी.

आगे बढने पर नीचे उतरते पथरीले -संकड़े रास्ते,जहाँ सुरज की किरणें चारों तरफ व्याप्त संगमरमर के वास्तविक चरित्र के प्रदर्शन में अपना योगदान दे रही थी.नदजल की कलकल ध्वनी जो उँचाई से गिरने पर कर्णप्रिय संगित के रुप में हमारे कानों तक पहुँच रही थी तथा जल की बुंदे उँचाई से गिरने पर फुहरों में परिवर्तित हो कपासी प्रतिरुप प्रदर्शित कर रही थी.
नर्मदा एवं बैण-गंगा की सम्मिलित तेज धारा एवं गहरी खाई,जो हमारे दिल की धड़कनों को तेज कर रही थी और अनजान खतरे से आगाह भी.
कुल मिलाकर एक ऐसा मनोरम जगह जो हमारे मन को आह्लादित एवं नयनों को त्रिप्ती की परकाष्ठा तक ले जा रहा था.

No comments: